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आगरा की इतिहासिक पृष्ठभूमि से हर कोई वाकिफ है। ताजमहल, आगरा किला, सिकन्दरा का मकबरा एवं अन्य कई मुगलकालीन इमारते इसी इतिहासिक पृष्ठभूमि का एक हिस्सा है, जिन्होने आगरा को पहचान दी। पेठा उद्योग, जूता उद्योग विश्वविख्यात है। इसके अतिरिक्त आगरा शहर होटल व्यवसाय, फाउण्ड्री एवं कई औघोगिक गतिविधियों का केन्द्र है। आगरा में लगभग 2,250,000 जनसंख्या निवास करती है एवं आगरा की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। बढ़ते हुये शहरीकरण से हमारा आगरा अछूता नही रहा है। वर्तमान में जहां मैट्रो, स्मार्ट सिटी जैसी परियोनाए आगरा के विकास के क्रम में अपना योगदान दे रही है। वहीं निरंतर बढ़ते औद्योगिकरण, जनसंख्या, विभिन्न व्यवसायों एवं अन्य कारणों से शहर में दिनोंदिन प्रदूषण बढ़ रहा है। औद्योगिक एवं घरेलू कचरे व सीवेज का एक बढ़ा हिस्सा नालों एवं नालियो के माध्यम से सीधे यमुना नदी में गिरकर न सिर्फ पानी को प्रदूषित करता है अपितू यमुना नदी की इकोलोजिकल लाइफ को भी प्रभावित करता है। वही शहर में अयस्त वयस्त ट्रैफिक भी प्रदूषण को प्रभावित करता है। हालांकि शहरी इलाको में नगर निगम जैसे सरकारी संस्थायें आगरा के कचरे को नियंत्रित करती है, परन्तु यह नाकाफी है। प्रदेश का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अपनी कमजोर व सीमित अधिकारों के आभाव में कही नजर नही आता है। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक पीआईएल की प्रतिक्रिया में 30 दिसम्बर 1996 को ताजमहल के आस पास के क्षेत्रों में प्रदूषण से सुरक्षा प्रदान किये जाने हेतु लगभग 10,400 sq. km. का क्षेत्र परिभाषित किया था। इस हिस्से को हम टीटीजैड के नाम से जानते है। टीटीजैड क्षेत्र में कोयले को जलाये जाना प्रतिबंधित किया गया है। औद्योगिक एवं घरेलू क्षेत्रों में कोयले के स्थान पर प्राकृतिक गैस का उपयोग किये जाने हेतु हेतु प्र्रोत्साहित किया गया है। टीटीजैड क्षेत्र का लक्ष्य मुख्यतः ताजमहल को प्रदूषण के क्षरण से बचाना, प्रदूषण नियंत्रण, शहर में प्रदूषण के अध्ययन के साथ ही उनका अभिलेखीकरण करना है। वर्तमान समय में आगरा शहर में काफी स्थानों पर क्षेत्रीय, घरेलू एवं व्यवसायिक स्तरों पर प्रदूषण फैलाया जा रहा है, जिसके कारण टीटीजैड क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन होने के साथ साथ जन स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शहर में बहुत सारे ऐसे भी प्रतिष्ठान है जहां जीरो एमिशन पाॅलिसी अपनायी जा रही है। इस ब्लाॅग के माध्यम से लेखक का प्रयास है कि अपने लेखों के माध्यम से आगरा के विभिन्न क्षेत्रो, औद्योगिक एवं घरेलू स्थानों से प्रदूषण की नाकारात्मक एवं साकारात्मक स्थिति को  पारदर्शिता के साथ रख सकें  ताकि लोगो को प्रदूषण कम करने अथवा न फैलाने के सम्बन्ध में प्रेरित किया जा सकें। 

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